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  • 17 साल बाद लौटे तारिक रहमान, बांग्लादेश की राजनीति में ‘लोकतंत्र की रक्षा’ का नया दांव
    by प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क on December 25, 2025 at 4:41 pm

    गुरुवार का दिन खास रहा जब 17 साल बाद बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक रहमान स्वदेश लौटे। ढाका के हज़रत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनके स्वागत के लिए हजारों समर्थक उमड़ पड़े। भारी सुरक्षा के बीच वे अपनी पत्नी जुबैदा और बेटी जैमा के साथ विमान से उतरे और नंगे पांव ज़मीन पर कदम रखा।बता दें कि तारिक रहमान को बांग्लादेश की राजनीति में एक प्रभावशाली लेकिन विवादित चेहरा माना जाता है। वह पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और दिवंगत राष्ट्रपति जियाउर रहमान के पुत्र हैं। लंबे समय से वे लंदन में निर्वासन का जीवन बिता रहे थे और 2018 से बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे।मौजूद जानकारी के अनुसार, उनकी वापसी ऐसे वक्त हुई है जब देश में अंतरिम सरकार सत्ता में है। अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, जिसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी। इस सरकार ने फरवरी 2026 में आम चुनाव कराने की घोषणा की है।गौरतलब है कि तारिक रहमान की मां और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया इस समय गंभीर रूप से बीमार हैं और नवंबर से अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में पार्टी और समर्थकों की नजर अब तारिक रहमान पर टिकी है, जिन्हें भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखा जा रहा है।राजनीतिक तौर पर रहमान का सफर विवादों से भी भरा रहा है। 2007 में सैन्य समर्थित सरकार के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया था और बाद में इलाज के बहाने वे ब्रिटेन चले गए थे। उन पर भ्रष्टाचार, हिंसा और सत्ता के दुरुपयोग जैसे कई आरोप लगे, जिन्हें वे और उनकी पार्टी राजनीतिक साजिश बताते रहे हैं। कुछ मामलों में सजा भी हुई थी, लेकिन 2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद कई मामलों पर रोक लगा दी गई।अपने संबोधन में तारिक रहमान ने कहा कि जैसे 1971 में देश को आज़ादी मिली थी, वैसे ही 2024 में जनता ने फिर से लोकतंत्र की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि वे एक सुरक्षित, समावेशी और न्यायपूर्ण बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जहां हर नागरिक बिना डर के जी सके।कुल मिलाकर, उनकी वापसी ने बांग्लादेश की राजनीति में नई ऊर्जा और नई बहस को जन्म दिया है, और आने वाले चुनावों से पहले देश की दिशा तय करने में यह एक अहम मोड़ माना जा रहा है।

  • Bangladesh में भीड़ का आतंक जारी: अमृत मंडल की निर्मम हत्या, अल्पसंख्यक सुरक्षा पर गहराया संकट, जांच शुरू
    by प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क on December 25, 2025 at 4:31 pm

    बांग्लादेश में एक बार फिर भीड़ हिंसा की घटना सामने आई है। इस बार राजबाड़ी जिले में अमृत मंडल उर्फ सम्राट नाम के व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मामला सामने आते ही देश में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंता और गहरी हो गई है।मौजूद जानकारी के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल अवस्था में पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने अमृत मंडल को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में शव को पोस्टमॉर्टम के लिए राजबाड़ी सदर अस्पताल भेजा गया।पुलिस का कहना है कि मृतक के खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या का एक केस भी शामिल है। बताया जा रहा है कि अमृत मंडल लंबे समय तक भारत में छिपा हुआ था और हाल ही में गांव लौटा था। लौटने के बाद उसने स्थानीय निवासी शाहिदुल इस्लाम से कथित तौर पर रंगदारी की मांग की थी।गौरतलब है कि बीती रात अमृत मंडल अपने साथियों के साथ शाहिदुल के घर पहुंचा था। इसी दौरान घरवालों ने शोर मचाया, जिसके बाद आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और भीड़ ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसकी मौत हो गई। उसके कुछ साथी मौके से फरार हो गए, जबकि एक आरोपी मोहम्मद सलीम को हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है।बताया जा रहा है कि सलीम के पास से एक पिस्टल और एक देसी हथियार भी बरामद हुआ है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।गौरतलब है कि इससे कुछ दिन पहले ही मयमनसिंह जिले में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की कथित तौर पर भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद उसका शव जला दिया गया था। उस घटना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आलोचना हुई थी। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने उस वक्त बयान जारी कर कहा था कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।लगातार हो रही इन घटनाओं ने बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भीड़तंत्र के बढ़ते प्रभाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

  • बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा जारी, दीपू चंद्र दास के बाद एक और की पीट-पीटकर हत्या, कानून-व्यवस्था पर सवाल
    by प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क on December 25, 2025 at 2:17 pm

    बांग्लादेश में भीड़ हिंसा की एक और घटना सामने आई है, जिसमें राजबारी जिले में बुधवार देर रात एक 29 वर्षीय हिंदू युवक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान अमृत मंडल उर्फ ​​सम्राट के रूप में हुई है। उस पर रात करीब 11 बजे पांग्शा उपजिला के होसैंडांगा पुराने बाजार में हमला किया गया और हमले के तुरंत बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। घटना की पुष्टि करते हुए पांग्शा मॉडल पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी शेख मोइनुल इस्लाम ने बताया कि स्थानीय निवासियों ने अमृत मंडल पर जबरन वसूली का आरोप लगाया था, जिसके बाद मामला भीड़ हिंसा में बदल गया। पुलिस ने बताया कि उनके रिकॉर्ड में अमृत मंडल को “सम्राट वाहिनी” नामक एक स्थानीय समूह के नेता के रूप में दर्ज किया गया था। वह होसैंडांगा गांव के निवासी अक्षय मंडल का पुत्र था। इसे भी पढ़ें: 17 साल के निर्वासन के बाद बांग्लादेश लौटे Tarique Rahman, ढाका में विशाल जनसभा को किया संबोधितपुलिस ने बताया कि हमले में शामिल लोगों की पहचान करने और हत्या की वजह बनने वाली घटनाओं के क्रम का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। इस घटना से इलाके में तनाव फैल गया है, जिसके बाद और अधिक अशांति को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान ने 17 साल के अंतराल के बाद ढाका वापस लौटने पर अपने पहले संबोधन में बृहस्पतिवार को देशवासियों से साथ मिलकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया। उन्होंने हवाई अड्डे से ढाका के जुलाई 36 एक्सप्रेसवे पर पहुंचने के बाद पार्टी समर्थकों से कहा “हम चाहे जिस राजनीतिक पार्टी से संबंध रखते हों, चाहे जिस धर्म में विश्वास रखते हों, चाहे किसी पार्टी से न जुड़े हों — सभी को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एकजुट होना होगा।”  इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश में बड़ा राजनीतिक भूचाल! शेख हसीना की अवामी लीग पर लगा प्रतिबंध, अंतरिम सरकार का बड़ा ऐलानबांगलादेश में प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद फैले असंतोष और राजनीतिक अस्थिरता के बीच रहमान ने यह अपील की है। हादी पिछले साल हुए व्यापक प्रदर्शनों में एक प्रमुख चेहरा थे, जिनके बाद शेख हसीना सरकार गिर गई थी। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे रहमान (60) चुनाव आगामी चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार के रूप में उभरे हैं। सरकारी ‘बांग्लादेश सांगबाद सांगस्था’ की खबर में कहा गया है कि अमेरिकी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता मार्टिन लूथर किंग के प्रसिद्ध उद्धरण “आई हैव अ ड्रीम” का उल्लेख करते हुए रहमान ने कहा, “मेरे पास अपने देश के लोगों और अपने देश के लिए एक योजना है।” रहमान ने कहा, “यह योजना लोगों के हित में है, देश के विकास के लिए है, और देश की किस्मत बदलने के लिए है। इस योजना को लागू करने के लिए मुझे देश के सभी लोगों का समर्थन चाहिए। अगर आप हमारे साथ खड़े होंगे, तो इंशाअल्लाह, हम अपनी योजना को लागू कर पाएंगे।”

  • बलूचिस्तान में महिलाओं की गुमशुदगी पर गहराया संकट, CPEC पर विरोध जारी
    by प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क on December 25, 2025 at 1:10 pm

    बलूचिस्तान पोस्ट (टीबीपी) की रिपोर्ट के अनुसार, दो महिलाओं सहित चार पारिवारिक सदस्यों के कथित जबरन लापता होने के विरोध में चल रहा धरना प्रदर्शन बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसके चलते चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) राजमार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा लगातार दूसरे दिन भी बंद रहा। केच जिले के कार्की तेजबान और हेरोंक में हुए इस प्रदर्शन के कारण तुरबत, क्वेटा, पंजगुर, अवारान, कोलवाह और होशाप के बीच दोनों दिशाओं में यातायात ठप हो गया, जिससे पूरे मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। परिवार के सदस्यों ने बताया कि लापता व्यक्तियों में 27 वर्षीय हनी दिलवाश, जो आठ महीने की गर्भवती हैं; अब्दुल वाहिद की 17 वर्षीय बेटी हैरनिसा; 18 वर्षीय मुजाहिद दिलवाश; और 18 वर्षीय फरीद एजाज शामिल हैं। इसे भी पढ़ें: 9 मई हिंसा मामलों में इमरान खान व बुशरा बीबी को राहत, कोर्ट ने जमानत अवधि बढ़ाईउन्होंने दावा किया कि हनी और हेयरनिसा को इस सप्ताह के प्रारंभ में हुब चौकी में तड़के छापेमारी के दौरान अगवा कर लिया गया था, जबकि अन्य दो को केच जिले से अगवा किया गया था। मंगलवार देर रात, तुरबत के सहायक आयुक्त के नेतृत्व में एक वार्ता दल प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए विरोध स्थल पर पहुंचा। हालांकि, परिवार के सदस्यों ने बताया कि कोई प्रगति नहीं हुई है और सीपीईसी राजमार्ग का अवरोध जारी है, जैसा कि टीबीपी की रिपोर्ट में बताया गया है।प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की कि वे तब तक अपना धरना जारी रखेंगे जब तक कि चारों व्यक्तियों को सुरक्षित वापस नहीं कर दिया जाता। यह प्रदर्शन बलूचिस्तान भर में बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) द्वारा चलाए जा रहे पांच दिवसीय अभियान के साथ हो रहा है, जो बलूच महिलाओं के जबरन गायब होने की बढ़ती घटनाओं को संबोधित करता है। टीबीपी के अनुसार, बलूच कार्यकर्ता और बीवाईसी नेता सम्मी दीन बलूच ने टिप्पणी की कि परिवार के चार सदस्यों का गायब होना महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाने में चिंताजनक वृद्धि का संकेत है। इसे भी पढ़ें: भागना पड़ जाएगा… हादी मर्डर में भाई ने युनूस का कौन सा राज खोला, बांग्लादेश में बवाल शुरू!उन्होंने जोर देकर कहा, “जबरन गुमशुदगी की घटनाएं अब बेहद गंभीर और चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई हैं।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हनी दिलवाश और हैरनिसा की लगातार गैर-पुनरावृत्ति ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बलूचिस्तान में महिलाएं वास्तव में सुरक्षित हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति ने परिवारों पर काफी मानसिक दबाव डाला है और राज्य पर “संविधान और कानून को दमन के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने” का आरोप लगाया। उन्होंने अंत में कहा, “इन पीड़ित परिवारों के लिए विरोध प्रदर्शन ही एकमात्र विकल्प बचा है।” उन्होंने सभी क्षेत्रों के लोगों से इस परिवार का समर्थन करने और उनके लिए आवाज उठाने का आह्वान किया, जैसा कि टीबीपी रिपोर्ट में कहा गया है।

  • 17 साल के निर्वासन के बाद बांग्लादेश लौटे Tarique Rahman, ढाका में विशाल जनसभा को किया संबोधित
    by प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क on December 25, 2025 at 12:25 pm

    बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान ने लगभग दो दशकों के निर्वासन के बाद वतन वापसी की है। बुधवार को ढाका में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने देश के भविष्य के लिए अपना विजन पेश किया।मार्टिन लूथर किंग की शैली में संबोधनहजारों समर्थकों की भीड़ के सामने तारिक रहमान ने अमेरिकी नागरिक अधिकार नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर के प्रसिद्ध भाषण का जिक्र करते हुए कहा, ‘मेरे पास एक योजना है।’ उन्होंने कहा कि यह योजना तभी सफल होगी जब देश की जनता का सामूहिक समर्थन मिलेगा।उन्होंने अपने भाषण में कहा कि लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वापस चाहते हैं। लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वापस चाहते हैं। उन्होंने जोर दिया कि बांग्लादेश मुस्लिम, हिंदू, बौद्ध और ईसाई, सभी धर्मों के लोगों का साझा घर है। इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश में बड़ा राजनीतिक भूचाल! शेख हसीना की अवामी लीग पर लगा प्रतिबंध, अंतरिम सरकार का बड़ा ऐलानभारत विरोधी नेता को श्रद्धांजलिरहमान ने हाल ही में मारे गए कार्यकर्ता उस्मान हादी को श्रद्धांजलि दी। हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में तनाव का माहौल है। प्रदर्शनकारी इस हत्या के पीछे ‘भारतीय हाथ’ होने का दावा कर रहे हैं, जिससे भारत-बांग्लादेश संबंधों में खटास और बढ़ गई है।अल्पसंख्यकों पर हमलेतारिक रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई है जब देश में सांप्रदायिक हिंसा की खबरें आ रही हैं। कथित ईशनिंदा के आरोप में दीपु चंद्र दास नामक हिंदू नागरिक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों के बीच भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने की मांग की है। इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश में प्रेस की आजादी पर हमला, ‘ग्लोबल टीवी’ को दफ्तर जलाने की धमकी, न्यूज हेड को हटाने का दबावमुहम्मद यूनुस से मुलाकातवतन लौटने के बाद तारिक रहमान ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की और देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। रहमान के सामने अब फरवरी 2026 में होने वाले चुनावों से पहले जनता का भरोसा जीतने और देश में शांति बहाल करने की बड़ी चुनौती है।

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